बेचारे संजय...
पाषाण कर लिया होगा,
अपना कलेजा।
अपना कलेजा।
जब,
सुनाया होगा महाभारत,
धृतराष्ट्र को।
महान साम्राज्य,
हस्तिनापुर के महाराजा को,
दिखाया होगा
अपने ही,
अति बल औऱ वैभवशाली
सौ पुत्रों सहित,
अपने ही अनगिनत,
रिश्तों के सशरीर मरने का चल-चित्र।
आज के संजय भी कर रहे हैं,
यही सब चतरई,
नीति से हो,
या नियति से।।
-चालाक
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