Tuesday, November 1, 2022

बेचारे धृतराष्ट्र...😎😎😎

बेचारे #धृतराष्ट्र...

धृतराष्ट्र अंधे न होते तो?
तो क्या होता?
क्या-होता,
और क्या-क्या न होता।

न होता #महाभारत?

फिर क्या होता?

क्या भीष्म, द्रोण, धर्मराज, अर्जुन, 
भीम, कर्ण, दुःशासन, एक्लव्य....
कौन होते,
और कौन-कौन न होते?

वो तो, यूँ ही हो जाते,
महाराज,
हस्तिनापुर के
ज्येष्ठ पुत्र तो वे ही थे। 
बेचारे धृतराष्ट्र... बस अंधे न होते।

और न होती #गीता, #भागवत।
न जाने कितने,
#पुराण, #गाथायें और #शास्त्र भी न होते।
बेचारे धृतराष्ट्र... बस अंधे न होते।

पांडु भी न हो पाते सम्राट,
बेचारे धृतराष्ट्र बस... अंधे न होते।

किन्तु,
हो सकती थी,
एक 'चतरई'।

यदि पांडु ने जान ली होती,
महान #रामायण,
तो कुछ भी न होता।

वे तो सिर्फ अंधे थे,
पर घर में तो थे।

#राम तो वन में थे।

#भरत महान हो गए,
और हम सब भारतीय।

राज सिंघासन पर रख लीं,
अपने ज्येष्ठ की खडाऊं।
और बने रहे राजा।

पाण्डु भी बने रहते राजा,
और बना देते,
अपने ज्येष्ठ को महाराजा।
पाण्डु भी बन सकते थे आंखें,
अपने बड़े भाई की, 
खड़ाऊयें अपने माथे से लगाकर,
रख देते वो ही खड़ाउएँ,
हस्तिनापुर की राज सिंघासन पर।

चतरई तो,
खूब सारी,
हम सभी भी,
कर रहे हैं।

सुना रहे हैं, 
मर चुके पितरों को,
#गरुड़-पुराण।

और आपके बच्चे,
आप सरीखे ही अनगिनत पुराण,
देख-सीख रहे हैं,
अपने-अपने,
मोबाइलों पर।

भले आपने न कहा हो ,
अपने बच्चों से,
-कर दूंगा तुझे,
यम को दान।

फिर भी #नचिकेता सा ही,
दूर कर रहे हैं,
और हो भी रहे हैं
अपने ही बच्चों से।
 
अब विज्ञान के चमत्कार,
का निबंध,
नहीं सिखाया जा रहा हिंदी में।
वरना वे भी समझते,
विज्ञान के अभिशापों को।
और समझते कि,
ज्ञान से विज्ञान आया,
विज्ञान से ज्ञान।

फिर से कोई महाभारत न हो,
इसके लिए कर सकते हैं,
अब एक चतरई,
सभी पाण्डु अनुज,
बने रहें राजा, सम्राट, अधिनायक.....
यदि अग्रज धृतराष्ट्र हों तो,
कर लें,
खडाऊं वाली चतरई।

नीति से नियत आई,
या नियत से नीति।

नियति ने, 
धृतराष्ट्र को अंधा बनाया,
तो हमने जाना,
महाभारत और कितने,
शास्त्रों, पुराणों और गाथाओं को।

यदि सौ बलशाली पुत्रों को,
मरता देखते,
अपनी आंखों से,
तो धृतराष्ट्र,
और भी,
और भी बेचारे ही होते।।
 -चालाक

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3 comments:

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