फैसले की🙏
👁️
फैसला ही तो है,
बदल भी जाता है, कभी-कभी,
वक़्त करता है जब फैसला।
और फैसलों से बढ़ते,
फांसलो के बीच की संदो से सरककर,
उच्च सदन तक, पहुंचने लगे हैं,
अब योर ओनर।
और उच्च सदन की भी,
तैयारी है, कि न्याय करने वालों की,
नियुक्ति का फ़ैसला भी अब,
हम ही करेंगे।
करिये साहब,
ये सब भी हमारा ही,
किया धरा है।
किसी ने कहा था कभी,
मेजोरिटी इस ऑलवेज नॉट राइट।
वो भी तब,
तब मतलब कब?
कब मतलब जब,
वो कहने वाला, खुद,
बहुत बहुमतों से,
भरा पूरा होता था।
साफ बात है,
उसने जो कहा,
ये फ़ैसला करना,
वो खुद ही से सीखा होगा।
मेरा ख्याल है, कि अब से,
मैं भी सीखूंगा,
खुद से ही,
फ़ैसला करना।
बदलते वक्त में।
🙏
इति शुभम
दीपक देहाती
No comments:
Post a Comment
अग्रिम धन्यवाद के साथ अपेक्षित है,
कि आप हमें अनुग्रहित करेंगे,,
अपनी शिकायत अथवा सुझाव देकर।
जिससे आपका मार्गदर्शन भी सबको मिल सके।
पोस्ट को साझा share भी कर सकते हैं।
विकल्प दिया गया है।